परिवहन विभाग में मासिक बंधी वसूली प्रकरण में एसीबी की कार्यवाही जारी, हर संभव जांच कर पूरा खुलासा किया जाएगा - संसदीय कार्य मंत्री
जयपुर(स्मार्ट समाचार) संसदीय कार्य मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने सोमवार को विधानसभा में बताया कि परिवहन विभाग में दलालों के जरिये वाहन मालिकों को डरा-धमकाकर मासिक बंधी वसूलने के प्रकरण में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की कार्यवाही अभी जारी है और हर संभव जांच कर पूरा खुलासा किया जाएगा।
संसदीय कार्य मंत्री धारीवाल ने विधानसभा में वक्तव्य देते हुए बताया कि एसीबी ने परिवहन विभाग में 13 दिसम्बर, 2013 से 16 दिसम्बर, 2018 के मध्य 30 प्रकरण दर्ज किए, जिनमें ट्रेप के 15, आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने के तीन एवं पद के दुरूपयोग के 12 प्रकरण सम्मिलित हैं। इस दौरान 16 परिवहन निरीक्षक, छह जिला परिवहन अधिकारी एवं आठ अन्य कर्मचारियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की गई। उन्होंने बताया कि 17 दिसम्बर, 2018 के पश्चात् एसीबी ने परिवहन विभाग में छह प्रकरण दर्ज किए जिनमें ट्रेप के तीन, आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने का एक एवं पद के दुरूपयोग के दो प्रकरण शामिल हैं।
एसीबी ने इन सभी प्रकरणों की गहनता से जांच कर कार्यवाही की है। उन्होंने बताया कि मासिक बंधी प्रकरण में अभी अग्रिम कार्यवाही की जा रही है। अब तक एक एफआईआर दर्ज कर परिवहन विभाग के आठ अधिकारियों और सात प्राइवेट व्यक्तियों को निरूद्ध कर पूछताछ की जा रही है। प्रकरण में अभी कार्यवाही जारी है। तलाशी अभियान में मिली नकद राशि और प्रोपर्टी सहित अन्य दस्तावेजों की जांच कर पूरा खुलासा किया जाएगा।
धारीवाल ने बताया कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को परिवहन विभाग के अधिकारियों की ओर से दलालों के जरिये वाहन मालिकों को डरा-धमकाकर मासिक बंधी के रूप में रिश्वत राशि प्राप्त करने की सूचना मिली। इस पर मुख्यालय स्तर पर गोपनीय सत्यापन किया गया। संदिग्ध आरोपियों के गोपनीय रूप से किये गये सत्यापन से प्रकट हुआ कि परिवहन विभाग के अधिकारियों की ओर से दलालों के जरिये वाणिज्यिक वाहनों तथा बसों को चलाये जाने के लिये वाहन संचालकों को धमकियां देकर प्रतिमाह रिश्वत राशि मासिक बंधी के रूप में नियमित रूप से प्राप्त की जा रही है। सत्यापन के पश्चात् तकनीकी एवं मानवीय निगरानी भी की गई।
इस क्रम में तनुश्री लॉजिस्टिक में कार्यरत विष्णु कुमार एवं मनीष तथा अन्य मध्यस्थ दलालों की ओर से 16 फरवरी को फरवरी माह की मासिक बंधी के रूप में परिवहन अधिकारियों को रिश्वत राशि का भुगतान करने की प्रबल सम्भावना थी। इस पर ब्यूरो मुख्यालय की ओर से डेढ़ दर्जन टीमों का गठन किया गया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री चन्द्रप्रकाश शर्मा के नेतृत्व में कार्यवाही की गई जिसमें परिवहन विभाग में फैले व्यापक भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है। कार्यवाही के दौरान परिवहन निरीक्षक श्री उदयवीर सिंह को दलाल श्री मनीष मिश्रा के द्वारा चालीस हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया एवं श्री मनीष मिश्रा के पास से अन्य अधिकारियों को मासिक बंधी देने के लिए रखे एक लाख बीस हजार रुपए भी जब्त किये गये। इस प्रकार बड़े पैमाने पर प्राईवेट दलालों के जरिये वाहनों की सूची बनाकर उनकी मासिक बंधी प्राप्त की जा रही थी तथा उसे परिवहन विभाग के अधिकारियों को पहुंचाया जा रहा था। इस क्रम में एसीबी की ओर से 13 व्यक्तियों के 22 टेलिफोन इंटरसेप्टर किया गया।
परिवहन विभाग के अधिकारी डीटीओ शाहजहांपुर गजेन्द्र सिंह, डीटीओ चौमू विनय बंसल, डीटीओ मुख्यालय महेश शर्मा तथा परिवहन निरीक्षक शिवचरण मीणा, उदयवीर सिंह, आलोक बुढ़ानिया, नवीन जैन को निरूद्ध कर इनके निवास की तलाशी की गई। इसके अतिरिक्त प्राईवेट व्यक्ति मध्यस्थ दलाल जसवन्त सिंह यादव, बस संचालक गोल्ड लाइन ट्रांसपोर्ट कम्पनी, श्री विष्णु कुमार-तनुश्री लॉजिस्टिक, श्रीमती ममता पत्नी श्री योगेश कुमार उर्फ बन्टी-तनुश्री लॉजिस्टिक, श्री मनीष मिश्रा-तनुश्री लॉजिस्टिक, श्री रणवीर, श्री पवन उर्फ पहलवान तथा श्री विष्णु कौशिक को भी ब्यूरो की ओर से निरूद्ध कर उनके निवास तथा व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की तलाशी की गई। ब्यूरो के दलों की ओर से किये जा रहे तलाशी अभियान में अब तक एक करोड़ बीस लाख रुपए के करीब नकद, प्रोपर्टी के दस्तावेज तथा मध्यस्थ दलालों के पास से रिश्वत लेनदेन की सूचियां, हिसाब-किताब का ब्योरा तथा लेपटॉप-मोबाइल फोन पर लेनदेन एवं रिश्वत हिसाब-किताब के महत्वपूर्ण साक्ष्य बरामद किये गये हैं।