पहली बार उल्टा चांद को देखकर लोगों की आंखें फटी की फटी रह गई

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चौमु / जयपुर @ आसमान में उल्टा चांद देखकर देर शाम लोग अपने घरों के बाहर निकल कर चांद को देखने में लग गए।  ग्रामीण व शहरी इलाकों में चांद को पहली बार देखकर आश्चर्यचकित हो गए और ग्रामीण व शहरी महिलाओं ने चांद को अर्घ्य देने में जुट गए। काफी समय तक यह सिलसिला चलता रहा और जिले भर में यह बात चर्चा का विषय बन गई। लोगों ने घरों से बाहर निकलकर चांद को पानी में चीनी डालकर अर्घ्य दिया। लेकिन इसके पीछे क्या तथ्य हैं यह तो पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो पाया है। लेकिन  भूगोल के प्राध्यापक का कहना है कि चंद्रमा 29.5 दिन में पृथ्वी का चक्कर पूरा करता है और आज इसका अंतिम दिन हो सकता है।मुकेश शर्मा भूगोल प्राध्यापक के अनुसार शुक्रवार चैत्र मास शुक्ल पक्ष की दशमी को चंद्रमा की दशा विपरित रही। इसका मुख्य कारण हिन्दू नववर्ष की पहली पूर्णमासी से पहले चांद के चिह्न धब्बे बिल्कुल विपरित हो जाते हैं । इसका एक मुख्य कारण यह भी है कि चंद्रमा पृथ्वी का प्राकृतिक उपग्रह है । यह पृथ्वी का एक चक्कर 29.5 दिन में पूर्ण करता है। पृथ्वी अपनी धुरी पर एक चक्कर 24 घण्टे में पूर्ण करती है जिस कारण हमें चन्द्रमा का केवल एक भाग ही दिखाई देता है। परंतु आज चैत्र मास की दशमी को चन्द्रमा के धब्बे पृथ्वी से निचले हिस्से में दिखाई दिए। यह दृश्य अनेकों वर्षों में एक बार दिखाई देता है । हालांकि विज्ञान के जानकार ने इसे अफवाह बताया। शर्मा ने बताया कि चांद उल्टा दिख रहा है ऐसा कोई भ्रम नहीं है। चांद केवल अपनी कलाओं में गति करता है। जिसकी वजह से चांद उलटा या सीधा दिखाई देता है। चांद अपने चक्र के अनुसार ही दिखता है। उन्होंने बताया कि चांद पृथ्वी के चारों तरफ अपनी अक्षांश पर घूमता हुआ चक्कर लगाता है। यह चक्कर 29.5 दिन में पूरा कर लेता है।
यह एक खगोलीय घटना है। इससे कोई विपरित प्रभाव नहीं पड़ता है। इस लिए लोगों को किस प्रकार की अफवाह पर भरोसा नहीं करना चाहिए।