प्रकृति से प्रेम करो तो मानवता भी बचेगी- प्रोफेसर डॉ सीताराम जी कुमावत


गोविंदगढ़@ कस्बे के रेलवे स्टेशन सीतारामपुरा रोड निवासी राजकीय आरएल सहरिया  कॉलेज कालाडेरा में हिंदी के  प्रोफेसर डॉ सीताराम  कुमावत ने वैश्विक महामारी कोरोना में राज्य की जनता के लिए पूर्व विधायक भगवान सहाय सैनी के आव्हान पर  मुख्यमंत्री सहायता कोष कोविड 19 में स्वयं 21 हजार रूपये की मदद की। स्थानीय सरपंच ओमप्रकाश जी सारदा की अपील पर गाव के जरूरतमंद लोगो की मदद में भी खाद्य सामग्री के किट दिए।इसके बाद तो डॉ  ने अपने स्टॉफ साथियो को भी प्रेरित किया और कोष लाखो रूपए की सहायता करवाई। लाॅकडाउन के दौरान भी सेवा का ऐसा जज्बा रखने वाले प्रोफेसर के आम जीवन के बारे में  एक अच्छाइ को सामने लाने का सकारात्मक प्रयास (be positive) कर रहा है।


ज़ब हमने देखा प्रोफेसर  की दिनचर्या तो अविश्वनिय सा लगा, लेकिन हकीकत और सच्चाई किसी परिचय की मोहताज नहीं होती। इतने बड़े पदों रहने के बावजूद सर ने सहरीया कॉलेज कालाडेरा कैम्पस में फुलवारी विकसित की है जिसमे देसी विदेशी किस्म के फूल खिले मिलते है। कॉलेज गेट से भवन में घुसने से पहले दिखाई देने वाली फुलवारी से स्टूडेंट हो चाहे स्टॉफ सबमे एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो जाता है  प्रोफेसर  की पॉजिटिव सोचा बढ़ती गई और गोविंदगढ़ के खेजड़िया बालाजी परिसर में भी इसी प्रकार की फुलवारी विकसित कर दी| इसके साथ ही  व्यर्थ जा रहे पानी का  भी उपयोग होने लगा| धीरे-धीरे सर ने सहकारी समिति, उप तहसील परिसर में भी फुलवारी विकसित करना शुरू कर दिया है|


मन में मानवता की सेवा का ऐसा जज्बा है  गोविंदगढ़ सीएचसी में रोगों से बचाव व आगे भी काम आ सके इसके लिए कीटाणु नाशक़ दो स्प्रे  मशीन दी है| इनमे से एक मशीन अपने पड़ोसी उद्योगपति कालूराम जी जांगिड़ से दिलवाई है | प्रोफेसर  का कहना है कि प्रकृति से प्रेम करो तो मानवता भी बचेगी