बीमारी से जीती जंग, अब दे रहे सावधानी का संदेश- विजय शंकर हर्ष


जयपुर/बीकानेर @ वैश्विक महामारी कोरोना से पूरी दुनिया भयाक्रांत हैं। दुनियाभर में लाखों लोग इस बीमारी का शिकार हो कर अपना जीवन गंवा चुके हैं लेकिन, आशा किरण तब नजर आती है, जब कोई इस महामारी से लड़कर सुरक्षित लौटता है और लोगों को भी संदेश देता है कि घबराइए मत, जब मैं जीत सकता हूं तो आप भी इस कोरोना वायरस को आसानी से हरा सकते हैं।


ऎसी ही कहानी है बीकानेर के हर्षों का चौक निवासी  विजय शंकर हर्ष की है। विजय शंकर हर्ष बताते हैं कि उसे गले में खराश की समस्या महसूस हुई थी। कोरोना वायरस के बारे में विभिन्न प्रचार माध्यमों से इस रोग के लक्षणों के बारे में बहुत कुछ तो नहीं, लेकिन जानकारी थी। मैंने अस्पताल में परामर्श लिया, जहां होम क्वारंटाइन रहने के निर्देश दिए गए। जब अस्पाल से मेरे पास कॉल आया, मुझसे अस्पताल आने के लिए कहा गया।


जब स्थानीय पीबीएम अस्पताल पहुंचा तो मुझे बताया कि कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। तत्काल मुझे आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। इसी के साथ मेरी लड़ाई भी कोरोना के साथ शुरू हो गई। इलाज के दौरान जब भी मैं हताश और निराशा महसूस करता था तो डॉक्टर, नर्स और समस्त मेडिकल स्टाफ मेरा उत्साह बढ़ाते थे और प्रेरित करते थे कि कोरोना को हराना है और इस लड़ाई में जीतना है। मैंने भी हार नहीं मानी और इस जंग में पूरी मजबूती के साथ डटा रहा और जीत कर ही घर लौटा।  पीबीएम के कोविड-19 अस्पताल में पॉजिटिव मरीजों के लिए सभी व्यवस्थाएं बहुत ही अच्छे ढंग से की जाती है, शुद्ध खाना मिलता है। जैसा कि मैंने कहा था कि अस्पताल स्टॉफ पूरी संवेदशीलता के साथ सभी रोगियों के साथ व्यवहार करते। समय-समय पर डॉक्टर प्रत्येक रोगी के हालचाल पूछते और उपचार के साथ हौसला अफजाई करते।


खाने पीने के लिए दिए जाने वाली सभी वस्तुओं में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाता है।  श्री विजय हर्ष इससे भी आगे बढ़कर बताते है कि कोविड-19 केयर सेन्टर में नर्सिंग स्टॉफ समय पर दवा देना नहीं भूलते थे। वार्ड में सफाई तो ऎसी थी, जैसी हम अपने घरों में रखते हैंं। अस्पताल प्रशासन मरिजों के लिए बेहतर व्यवस्था बनाने के लिए निरन्तर प्रयत्नशील रहते है। हर्षो का चौक निवासी श्री विजय शंकर हर्ष कोरोना पॉजिटिव से नेगेटिव होकर लौटने के बाद चौक में अपने सभी साथियों से कोविड-19 अस्पताल के अनुभव शेयर करते हुए बताते है कि आत्मविश्वास के साथ कोरोना पर विजय प्राप्त की जा सकती हैं।


हमें घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि कुछ सावधानियां बरतते हुए कोरोना के साथ जीना है। अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए अपने रोजगार को चलाना है।  श्री विजय हर्ष बताते है कि जब कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी मिली और अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस आई तो मन में बहुत सारे सवाल और डर था। अस्पताल में व्यवस्थाओं को लेकर बहुत सी शंकाए थी।


लेकिन कोविड-19 अस्पताल में सभी व्यवस्थाओं का करीब से अनुभव लेने पर ये आशंकाए निर्मूल साबित हुई। शुद्ध और पौष्टिक खाना, नाश्ता तय समय पर और पीने के लिए मिनरल वाटर की बोतल व समय पर चाय मिलने के साथ दवा के लिए भी इंतजार नहीं करना पड़ता। मरीजों के साथ चिकित्सकों का व्यवहार भी बहुत ही अच्छा रहा।


यही कारण है कि मैं बिल्कुल स्वस्थ होकर आप सभी के पास लौटा हूं और मैंने अपनी पान की दुकान फिर से शुरू कर दी है। लेकिन इस दौरान वे कोरोना एडवाइजरी की पूरी पालना करते हैं और दूसरों को समझाइश भी करते हैं। हर्ष ने जिला प्रशासन और पीबीएम प्रशासन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि डॉक्टर और प्रशासन पूरी मुस्तैदी के साथ इस बीमारी से लड़ रहा है। बड़ी संख्या में मरीज निगेटिव होकर लौट रहे हैं। लेकिन यह बीमारी अभी समाप्त नहीं हुई है सावधानी और सावचेती रखने का संदेश देते हुए हर्ष कहते हैं कि कोरोना संक्रमण जागरूकता के लिए वे स्वयं भी लोगों को समझा रहे हैं।