चिकित्सा मंत्री के 45 दिन में नियुक्ति देने के वादे के बावजूद नहीं आया रिजल्ट दो हजार चिकित्सकों के पदों पर भर्ती का परिणाम नहीं आने से चिकित्सकों में रोष

 


चोमू।राज्य सरकार ने कोरोना काल में चिकित्सकों की कमी को देखते हुए चिकित्सा अधिकारी के 2000 पदों के लिए वैकेंसी निकाली थी, जिसकी 12 जुलाई को परीक्षा आयोजित हुई थी।


कोरोना का प्रकोप तेजी से बढ़ने के बावजूद भी 1 माह से अधिक समय गुजर जाने के बाद भी परीक्षा परिणाम घोषित नहीं किया गया जिससे चिकित्सकों में रोष की लहर है। बेरोजगार चिकित्सक संघ ने मुख्यमंत्री व चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री को ज्ञापन भेजकर चिकित्सा अधिकारियों का परीक्षा परिणाम शीघ्र जारी करवाकर नियुक्ति देने की मांग की है।


बेरोजगार चिकित्सक संघ के डॉ विकास बुडानिया, डॉ.सुनील मीमरोट, डॉ रोशन दादरवाल, डॉ रामजीलाल बाजिया , डॉ प्रीतम जांगिड़, डॉ योगेश दादरवाल सहित कई चिकित्सकों ने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा ने चिकित्सा अधिकारी के पद पर 2000 की भर्ती निकालकर 45 दिन में नियुक्ति देने की बात कही थी लेकिन परीक्षा के 1 माह से अधिक गुजर जाने के बावजूद अभी तक परीक्षा परिणाम घोषित नहीं किया गया है।


चिकित्सकों ने बताया कि प्रदेश भर में विशेषज्ञ चिकित्सकों की भारी कमी है तथा ग्रामीण क्षेत्र में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सा अधिकारियों के 3000 पद रिक्त चल रहे हैं। प्रदेश में कोरोना का प्रभाव ग्रामीण क्षेत्रों में भी तेजी से बढ़ रहा है , ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र में चिकित्सा अधिकारियों की कमी के चलते स्क्रीनिंग व सैंपलिंग का कार्य प्रभावित हो रहा है तथा लोगों को इलाज के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। चिकित्सकों ने बताया कि राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय द्वारा 12 जुलाई को परीक्षा आयोजित करने के बावजूद अभी तक 1 माह से अधिक समय गुजर गया लेकिन परीक्षा परिणाम घोषित नहीं करने से राज्य सरकार द्वारा चिकित्सा अधिकारियों के पद पर चिकित्सकों को नियुक्ति नहीं मिल पा रही है जिससे प्रदेश में चिकित्सा व्यवस्था चरमरा रही है। चिकित्सकों ने बताया की 2000 चिकित्सा अधिकारियों के पद पर करीब 5000 चिकित्सकों ने परीक्षा दी थी लेकिन परीक्षा परिणाम नहीं आने से चिकित्सक असमंजस की स्थिति में है।


जिससे निज़ी अस्पतालों में भी बांड के भय से सेवाएं नही दे रहे है। इससे कोरोना पेनडमिक में, अनुभवी डॉक्टर्स भी बेरोजगार बैठे है। चिकित्सक प्रदेश भर में शीघ्र परीक्षा परिणाम जारी करने को लेकर सोशल मीडिया पर ट्विटर पर अभियान छेड़ रखा है तथा शीघ्र परीक्षा परिणाम जारी करने की मांग को लेकर कई बार चिकित्सा मंत्री व विधायकों को ज्ञापन दे चुके हैं। चिकित्सकों ने बताया कि राज्य सरकार ने 20 जुलाई को ही परीक्षा परिणाम घोषित करने का आश्वासन दिया था लेकिन राज्य सरकार के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री के आश्वासन के बावजूद भी राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा परिणाम घोषित नहीं करने से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाएं चरमरा रही है। जिससे कही न कही माननीय जननायक मुख्यमंत्री जी का निरोगी राजस्थान अभियान पिछड़ रहा है। पूर्व चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ भी सरकार पर चिकित्सा अधिकारियों के पदों पर आयोजित हुई परीक्षा परिणाम में देरी तथा प्रदेश में चिकित्सा अधिकारियों के पद पर नियुक्ति में देरी को लेकर सरकार पर लापरवाही बरतने का आरोप लगा चुके हैं।


भाजपा मुख्य प्रवक्ता व चोमू विधायक रामलाल शर्मा ने भी राज्य सरकार से राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय से शीघ्र परीक्षा परिणाम जारी करवाकर प्रदेश में 2000 चिकित्सा अधिकारियों के पद पर चिकित्सकों की शीघ्र नियुक्ति करने की मांग की है।