युवाशक्ति को आत्मनिर्भर बनाने का उठाया बीड़ा  

मनोबल राईफल शूटरर्स एमडी सीमा सैनी की स्मार्ट समाचार से विशेष वार्ता........


 जयपुर(गोविंद सैनी) महिलाओं को चार दीवारी के अलावा देश के विकास के लिए भी सोचना चाहिए। आज की महिलाएं शिक्षित होकर देश को आगे बढ़ाने में सहयोग कर सकती है। बस जरूरत है महिलाएं अपनी शक्ति को पहचाने। यह कहना है राईफल शूटरर्स व दॉ टारगेट पोईन्ट स्पोर्टस शूटिंग एकेडमी की एमडी सीमा सैनी का। वे कहती है कि विद्यार्थियों का समय बहुत कीमती होता है, आाखिर वो देश का भविष्य है। 

विद्यार्थियों को अच्छे से अच्छा प्रशिक्षण देना ही अच्छे कोच का कर्तव्य है। 1 एमडी सीमा सैनी का जीवन परिचय सीमा सैनी का जन्म राजस्थान के अजमेर जिले के गाँव रूपनगढ़ में 1 नवम्बर, 1990 को हुआ। वे अपने पिता धन्ना लाल सैनी व माता सुगनी देवी से मिले अच्छे संस्कारों के कारण हमेशा ही कुछ अलग करने का सपना देखा करती थी। सीमा सैनी की प्रारंभिक शिक्षा उनके पैतृक गांव अजमेर के रूपनगढ़ में हुई। बचपन से पढ़ाई में अव्वल रहने वाली सीमा ने वर्ष 2008 में 12वीं कक्षा अच्छे अंकों से उत्तीर्ण की। 

अपनी पढाई निरन्तर जारी रखते हुए वर्ष 2011 में स्नातक की पढ़ाई पूरी की। बचपन से ही खेलों में रूचि रखने वाली सीमा सैनी ने पढ़ाई के साथ-साथ बीएसएफ की विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षा में भाग लिया। इसके साथ ही वर्ष 2013 में बीएड की डिग्री प्राप्त की। इसी दौरान सीमा सैनी का विवाह 22 फरवरी, 2014 में चौमूं निवासी शंकर लाल सैनी से हुआ। इसके साथ ही सीमा सैनी ने 10 मीटर एयर पिस्तौल व 10 मीटर एयर राईफल का प्रशिक्षण प्राप्त किया। विवाह उपरान्त उन्हें अपने पति व ससुर किशन लाल सैनी और सास ...........का भरपूर सहयोग मिला। 

सीमा देवी बताती है कि उनकी सफलता के पीछे उनके परिवार वालों का हाथ है। सीमा सैनी की दो लड़कियॉ है जिनका नाम वंशिका व यश्वी है। 2 चौमूं क्षेत्र में खोला पहला शूटिग एकेडमी पोंईट सीमा सैनी ने मई 2019 को चौमूं कस्बे में स्थित सामोद रोड़ के गीदावाली कोढी में दॉ टारगेट पोईन्ट स्पोर्टस शूटिंग एकेडमी की शुरूआत की।

 सीमा सैनी ने इस एकेडमी के माध्यम से चौमूं कस्बे व आस पास की ग्रामीण प्रतिभाओं को प्रशिक्षण देकर बच्चों के भविष्य सवारने व आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। दॉ टारगेट पोईन्ट स्पोर्टस शूटिंग एकेडमी की एमडी सीमा सैनी ने अपनी एकेडमी में विद्यार्थियों को विशेष प्रशिक्षण देने के लिए अत्याधुनिक सनसाधनों से युक्त एकेडमी बनाई ताकि कुछ ही समय में विद्यार्थियों को जिला स्तर, राज्य स्तर, राष्ट्रीय स्तर व अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए तैयार किया जा सके।

  एकेडमी के माध्यम से मिल रहा है कई विद्यार्थियों को लाभ शूटिंग एकेडमी एमडी सीमा सैनी बताती है कि शूटरर्स को तैयार करने के लिए यहां विद्यार्थियों के लिए दो बैंच चलाए जाते है, यहां प्रात: 8 बजे से दोपहर 12 तक व शाम 3 से 7 बजे तक प्रशिक्षण दिया जाता है। वर्तमान में एकेडमी में लगभग 18 विद्यार्थियों को 10 मीटर एयर पिस्तौल व10 मीटर एयर राईफल का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मात्र छ: माह के प्रशिक्षण के दौरान ही सभी प्रशिक्षणार्थी पूर्णत: स्टेट खेलने के लिए तैयार है। 

 गर्भावस्था में भी दे रही है शूटरर्स को प्रशिक्षण जहां महिलाएं गर्भावस्था में घर व बाहर के कार्यों से दूरी बना लेती है वहीं दूसरी ओर महिला सशक्तिकरण की मिसाल देते हुए शूटिंग एकेडमी एमडी सीमा सैनी गर्भावस्था में भी प्रशिक्षार्थियों को लगातार प्रशिक्षण दे रही है। 

एमडी सीमा सैनी बताती है कि एकेडमीके माध्यम से विश्वविद्यालय व अन्य महाविद्यालयों में खेल कोटे में प्रवेश लिया जा सकता है। इसके साथ ही रेल्वे, इंनकम टेक्स, एयर इंडिया, सेना, नेवी, एयर फोर्स, बी एस एफ व अन्य सरकारी विभागों में खेल कोटे से नौकरी पाना आसान हो जाता है। इसके साथ ही यहां प्रशिक्षार्थियों का मनोबल बढंाने के लिए प्रतियोगिताओं में पदक जीतने पर प्रोत्साहन राशि व उपहार एकेडमी द्वारा विद्यार्थियों को दिया जाता है। इसके साथ ही एकेडमी द्वारा निशानेबाजों को विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग दिलवाया जाता है। एकेडमी में एसजीएफआई, सीबीएसई स्कूल गेम्स, जिला स्तर, राज्य स्तर, राष्ट्रीय स्तर व अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग दिलयाया जाता है। 

  मेडता सीटी में भी खोली शूटिग एकेडमी अपने भाई कोच शिवराज सांखला की मदद से सीमा सैनी ने अपने लक्ष्य को आगे बढ़ाते हुए राजस्थान के नागौर जिले के मेडता सीटी में मारवाड़ शूटिंग एकेडमी की शुरूआत की। यहां भी सभी विद्यार्थियों को शूटिंग का विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 6 भाई सांखला के जीवन से मिली नई प्रेरणा शूटिंग (10 मीटर) एयर पिस्तौल नेशनल गोल्ड मेडिलिस्ट व भारतीय पैराशूटरर्स टीम के कोच शिवराज सांखला के जीवन से उनकी बहन सीमा सैनी बहुत प्रभावित हुई। अपने भाई कोच शिवराज सांखला की सफलता को देखकर उन्होंने भी महिलाओं व बालिकाओं के लिए कुछ अलग करने का निर्णय लिया। इसी दौरान वे भी शूटरर्स कोच बनी और वे वर्तमान में युवाओं का मार्ग प्रशस्त कर रही है। 


 एमडी सीमा सैनी बताती है कि एकेडमी में गल्र्स के लिए महिला कोच की व्यवस्था के साथ ही पैराशूटरर्स (नि:शक्तजन) को भी विशेष छूट दी जाती है, साथ ही विधवा व बीपीएल के लिए विशेष छूट दी जाती है। एमडी सीमा सैनी द्वारा 10 मीटर एयर पिस्तौल व 10 मीटर एयर राईफल का बारिकी से प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके साथ ही वे बताती है आगे आने वाले समय में एकेडमी में तीर अंदाजी का भी प्रशिक्षण शीघ्र ही शुरू किया जाएगा ताकि क्षेत्र की ग्रामीण प्रतिभाओं को लाभ मिल सके।